1. नाइट्रोजन के आगमन से पहले की प्रतिक्रियाशील उच्च पैदावार
वाली किस्मों के लिए, यह कीट चावल की अधिकतर खेतों में छिट-फुट पाया जाता था।
2. नई सिंचाई पद्धति, एक से अधिक चावल की फसलें, ऊंची पैदावार वाली किस्मों तथा नाइट्रोजनी ऊर्वरक की अधिकता के फलस्वरूप चावल के क्षेत्रों में वृद्धि के साथ-साथ कीटों ने भी अब बढ़ती अवस्था को प्राप्त कर लिया है।
3. हाल के वर्षों में, कार्बनफ्यूरन और फोरेट की किसानों के खेतों में अविवेकपूर्ण अनुप्रयोगों के कारण कीटनाशियों में पुनरुत्थान हुआ है जो आगे चलकर लीफ फोल्डर समस्या उत्पन्न करता है।
4. लगभग प्राकृतिक शत्रुओं की 80 स्पीसीज जिनमें 45 परजीवी, 35 परभक्षी, 4 रोगजनक और एक निमेटोड्स संपूर्ण भारत में C. medinalis पर सूचित किए गए हैं।
5. परजीवियों में, जो प्यूपा के स्तर पर हमला करते हैं जैसे Xanthopimpla, Brachymeria, Goniozus, Trichomma sp. इत्यादि बहुत ह