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Send to friend1. इसका अर्थ है फफूंदी, जीवाणु, विषाणु तथा कीट जैसे कटवार्म, विनाशकारी कीट के कारण बीज में बीमारियों की मौजूदगी।
2. बीज के स्वास्थ्य का परीक्षण आवश्यक है क्योंकि
a) बीज जनित इनॉक्युलम (inoculum) से खेत में क्रमिक रूप से बीमारियां फैल सकती हैं।
b) आयातित बीज से नई बीमारियों का जन्म हो सकता है।
बीज-जनित रोगों के जांच की विधियां:
1. प्रत्यक्ष जांच: निमैटोड गॉल्स, स्मट बॉल्स, बदरंग बीज, आवरण का मुरझाना (सूक्ष्मदर्शी द्वारा)।
2. इम्बाइब्ड बीज की जांच: अच्छे बीजों की पहचान के लिए उसे जल में डालते हैं, लक्षण पता चल जाता है।
3. पानी द्वारा साफ किए गए छोटे जीवों की जांच: बीजों को पानी में डाला जाता है अथवा अल्कोहल में डाला जाता है और अच्छी तरह से फूलने दिया जाता है ताकि कवक के बीजाणु, हायफेट इत्यादि दूर हो सके।